Indian constitution

संविधान के अनुच्छेद देश के शासन, नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों की नींव रखते हैं। इस खंड में, हम उन प्रमुख अनुच्छेदों की विस्तार से चर्चा करेंगे, जो सरकार की संरचना, नागरिक अधिकारों और कानून के शासन को परिभाषित करते हैं। चाहे वह मौलिक अधिकारों की व्याख्या हो, सरकार के विभिन्न अंगों की शक्तियाँ, या कानूनी प्रावधान, हम प्रत्येक अनुच्छेद को सरल भाषा में समझाएंगे। जानिए कि कैसे संविधान के अनुच्छेद राष्ट्रीय नीतियों, कानूनों और नागरिकों के जीवन को प्रभावित करते हैं।

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अनुच्छेद 39a – समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता

अनुच्छेद 39A इसे 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 के माध्यम से जोड़ा गया था। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है…

अनुच्छेद 40 – ग्राम पंचायतों का संगठन

संविधान के अनुच्छेद 40 के तहत, भारतीय राज्य को यह निर्देश दिया गया है कि वह ग्राम पंचायतों के संगठन…

अनुच्छेद 39 – समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित करना

अनुच्छेद 39 राज्य को ऐसी नीतियां अपनाने का निर्देश देता है जो विशेषकर आर्थिक और सामाजिक न्याय के संदर्भ में…

अनुच्छेद 38 – राज्य लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा

अनुच्छेद 38 के अनुसार राज्य को सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करने का निर्देश…

अनुच्छेद 37 – न्यायालय द्वारा वाद योग्य नहीं होना

अनुच्छेद 37 भारतीय संविधान के भाग IV (राज्य के नीति-निर्देशक तत्त्व) की प्रकृति और उनके क्रियान्वयन से संबंधित है। यह…

अनुच्छेद 36 –  राज्य निति-निर्देशक तत्व – परिभाषा

अनुच्छेद 36, के अन्तर्गत राज्य के परिभाषा का वर्णन है। राज्य का मतलब सविंधान के अंतर्गत स्वतंत्र निकाय से न…

अनुच्छेद 34 – मार्शल लॉ के दौरान मूल अधिकारों पर प्रतिबंध

अनुच्छेद 34 भारतीय संविधान में एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो मार्शल लॉ के तहत मूल अधिकारों पर प्रतिबंध लगाने की…

अनुच्छेद 35 – संसद को मूल अधिकारों को प्रभावी बनाने के लिए कानून बनाने की शक्ति

अनुच्छेद 35 केवल संसद को कुछ विशेष मूल अधिकारों को प्रभावी बनाने के लिए कानून बनाने की शक्ति प्रदान करता है। यह अधिकार राज्य…