अनुच्छेद 19 (Article 19 in Hindi) – वाक्-स्वातंत्र्य आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण
सभी नागरिकों को–
- (क) वाक्-स्वातंत्र्य और अभिव्यक्ति-स्वातंत्र्य का (अभिव्यक्ति की आज़ादी)
- (ख) शांतिपूर्वक और निरायुध सम्मेलन का, (शांति रूप से धरना प्रदर्शन)
- (ग) संगम या संघ बनाने का,
- (घ) भारत के राज्यक्षेत्र में सर्वत्र अबाध संचरण का,
- (ङ) भारत के राज्यक्षेत्र के किसी भाग में निवास करने और बस जाने का,
- (छ) कोई वृत्ति, उपजीविका, व्यापार या कारोबार करने का अधिकार होगा।
व्याख्या
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 भारतीय नागरिकों को छह मौलिक स्वतंत्रताओं की गारंटी देता है। ये अधिकार नागरिकों को उनकी स्वतंत्रता और जीवन की गरिमा सुनिश्चित करने के लिए प्रदान किए गए हैं।
अनुच्छेद 19 के तहत गारंटीकृत अधिकार
- वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
- अपने विचार व्यक्त करने, सूचना का प्रसार करने, और किसी भी मुद्दे पर बहस करने का अधिकार।
- इसमें शामिल हैं:
- प्रेस की स्वतंत्रता।
- प्रदर्शन और विरोध का अधिकार (शांतिपूर्ण और बिना हथियारों के)।
- सरकारी कार्यों की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार।
- फोन टैपिंग और सेंसरशिप के खिलाफ सुरक्षा।
- प्रतिबंध के आधार:
- भारत की संप्रभुता और अखंडता।
- राज्य की सुरक्षा।
- सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता, और न्यायालय की अवमानना।
- शांतिपूर्ण और निरायुध सम्मेलन का अधिकार
- बिना हथियारों के शांतिपूर्ण तरीके से संगठित होने का अधिकार।
- प्रतिबंध:
- भारत की एकता और अखंडता।
- सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए।
- संघ, संगम या सहकारी समितियां बनाने का अधिकार
- नागरिकों को राजनीतिक दल, क्लब, संघ, समितियां, या अन्य संगठन बनाने का अधिकार।
- प्रतिबंध:
- भारत की संप्रभुता और अखंडता।
- नैतिकता और सार्वजनिक व्यवस्था।
- भारत के राज्यक्षेत्र में अबाध संचरण का अधिकार
- देश के किसी भी भाग में घूमने और यात्रा करने का अधिकार।
- प्रतिबंध:
- जनजातीय क्षेत्रों की सुरक्षा और सार्वजनिक हित।
- नैतिकता और स्वास्थ्य के लिए सीमाएं।
- भारत के किसी भी हिस्से में निवास और बसने का अधिकार
- किसी भी स्थान पर अस्थायी या स्थायी रूप से रहने और बसने का अधिकार।
- प्रतिबंध:
- अनुसूचित जनजातियों की सुरक्षा और उनके सांस्कृतिक अधिकार।
- व्यवसाय, व्यापार, या रोजगार का अधिकार
- किसी भी पेशे, व्यापार, या व्यवसाय को अपनाने का अधिकार।
- प्रतिबंध:
- नैतिकता और सार्वजनिक हित।
- राज्य खतरनाक या अनैतिक व्यवसायों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा सकता है।
महत्वपूर्ण प्रावधान और न्यायालय की व्याख्या
- संपत्ति का अधिकार:
- पहले यह अनुच्छेद 19 के तहत मौलिक अधिकार था, लेकिन 1978 में 44वें संविधान संशोधन द्वारा इसे समाप्त कर दिया गया।
- अब यह केवल एक कानूनी अधिकार है।
- प्रेस की स्वतंत्रता:
- यह स्वतंत्रता संविधान में स्पष्ट रूप से उल्लिखित नहीं है, लेकिन वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा मानी गई है।
- व्यावसायिक प्रतिबंध:
- राज्य कुछ व्यवसायों पर प्रतिबंध लगा सकता है जैसे खतरनाक रसायनों, विस्फोटक, या अनैतिक गतिविधियों का व्यापार।
- जनजातीय क्षेत्रों का संरक्षण:
- अनुसूचित जनजातियों के विशेष अधिकारों की रक्षा के लिए बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
- श्रम संगठनों का अधिकार:
- श्रमिक संघों को मान्यता प्राप्त है, लेकिन हड़ताल करने का अधिकार औद्योगिक कानूनों के तहत विनियमित है।
प्रतिबंधों का महत्व
अनुच्छेद 19 के तहत दिए गए अधिकार पूर्ण नहीं हैं। राज्य इन अधिकारों पर उचित और वैध प्रतिबंध लगा सकता है। यह संतुलन व्यक्तियों की स्वतंत्रता और समाज के व्यापक हित के बीच बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
अनुच्छेद 19 नागरिकों को स्वतंत्रता का आधार प्रदान करता है, जो लोकतंत्र का सार है। इन अधिकारों को लागू करते समय यह सुनिश्चित किया गया है कि वे सार्वजनिक हित, नैतिकता, और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ संतुलन बनाए रखें।
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Source : – भारत का संविधान