अनुच्छेद 93 (Article 93 in Hindi) – लोकसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
लोकसभा, यथाशक्य शीघ्र, अपने दो सदस्यों को अपना अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनेगी और जब-जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का पद रिक्त होता है तब-तब लोकसभा किसी अन्य सदस्य को, यथास्थिति, अध्यक्ष या उपाध्यक्ष चुनेगी।
व्याख्या
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 93 लोकसभा के अध्यक्ष (Speaker) और उपाध्यक्ष (Deputy Speaker) से संबंधित है। यह प्रावधान करता है कि लोकसभा अपने सदस्यों में से एक को अध्यक्ष और एक अन्य को उपाध्यक्ष चुनेगी और जब-जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का पद रिक्त होता है तब-तब लोकसभा किसी अन्य सदस्य को, यथास्थिति, अध्यक्ष या उपाध्यक्ष चुनेगी।
अनुच्छेद 93 का मुख्य प्रावधान
- लोकसभा का अध्यक्ष (Speaker): अध्यक्ष लोकसभा की कार्यवाही का संचालन करता है। सदन की गरिमा और निष्पक्षता बनाए रखने की जिम्मेदारी अध्यक्ष की होती है। वह लोकसभा के सदस्य होते हुए निष्पक्ष कार्य करता है।
- लोकसभा का उपाध्यक्ष (Deputy Speaker): उपाध्यक्ष अध्यक्ष की अनुपस्थिति में सदन की कार्यवाही का संचालन करता है। उपाध्यक्ष भी लोकसभा के सदस्य होते हैं और उनकी भूमिका सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने में होती है।
अनुच्छेद 93 यह सुनिश्चित करता है कि लोकसभा के पास अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जैसे पद हों, जो सदन की गरिमा, निष्पक्षता और सुव्यवस्थित कार्यवाही को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये दोनों पद लोकसभा के संचालन में आवश्यक हैं और लोकतंत्र की मजबूती को सुनिश्चित करते हैं।
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Source : – भारत का संविधान