अनुच्छेद 74 (Article 74 in Hindi) – राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि-परिषद
[1] राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रि-परिषद होगी जिसका प्रधान, प्रधानमंत्री होगा और राष्ट्रपति अपने कृत्यों का प्रयोग करने में ऐसी सलाह के अनुसार कार्य करेगा:
[परंतु राष्ट्रपति मंत्रि-परिषद से ऐसी सलाह पर साधारणतया या अन्यथा पुनर्विचार करने की अपेक्षा कर सकेगा और राष्ट्रपति ऐसे पुनर्विचार के पश्चात् दी गई सलाह के अनुसार कार्य करेगा।
[2] इस प्रश्न की किसी न्यायालय में जांच नहीं की जाएगी कि क्या मंत्रियों ने राष्ट्रपति को कोई सलाह दी, और यदि दी तो क्या दी।
व्याख्या
अनुच्छेद 74 के अनुसार, राष्ट्रपति को कार्यपालक कार्यों के निष्पादन में सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद की आवश्यकता होती है।
अनुच्छेद 74 के तहत मुख्य प्रावधान
- राष्ट्रपति को देश के कार्यकारी प्रमुख के रूप में कार्य करने के लिए मंत्रिपरिषद की सलाह लेना अनिवार्य है।
- राष्ट्रपति के पास पुनर्विचार का अधिकार है, लेकिन अंतिम निर्णय मंत्रिपरिषद की सलाह के आधार पर ही होगा।
- मंत्रिपरिषद की सलाह गोपनीय होती है और इसे न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।
अनुच्छेद 74 का महत्व
- अनुच्छेद 74 भारत में संसदीय लोकतंत्र की आधारशिला है, जहां राष्ट्रपति एक संवैधानिक प्रमुख होता है और मंत्रिपरिषद वास्तविक कार्यकारी शक्ति का प्रयोग करती है।
- यह प्रावधान राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद के बीच एक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
- इस अनुच्छेद के माध्यम से कार्यपालिका की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाती है।
नोट: राष्ट्रपति का यह अधिकार सुनिश्चित करता है कि सरकार के निर्णय संतुलित और पुनर्विचारित हों, लेकिन अंतिम निर्णय मंत्रिपरिषद की सलाह पर ही निर्भर करता है।
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Source : – भारत का संविधान