अनुच्छेद 65 (Article 65 in Hindi) – राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके कृत्यों का निर्वहन
[1] राष्ट्रपति की मृत्यु, पदत्याग या पद से हटाए जाने या अन्य कारण से उसके पद में हुई रिक्ति की दशा में उपराष्ट्रपति उस तारीख तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा जिस तारीख को ऐसी रिक्ति को भरने के लिए इस अध्याय के उपबंधों के अनुसार निर्वाचित नया राष्ट्रपति अपना पद ग्रहण करता है।
[2] जब राष्ट्रपति अनुपस्थिति, बीमारी या अन्य किसी कारण से अपने कृत्यों का निर्वहन करने में असमर्थ है तब उपराष्ट्रपति उस तारीख तक उसके कृत्यों का निर्वहन करेगा जिस तारीख को राष्ट्रपति अपने कर्तव्यों को फिर से संभालता है।
[3] उपराष्ट्रपति को उस अवधि के दौरान और उस अवधि के संबंध में, जब वह राष्ट्रपति के रूप में इस प्रकार कार्य कर रहा है या उसके कृत्यों का निर्वहन कर रहा है, राष्ट्रपति की सभी शक्तियाँ और उन्मुक्तियाँ होंगी तथा वह ऐसी उपलब्धियों, भत्तों और विशेषाधिकारों का जो संसद, विधि द्वारा, अवधारित करे, और जब तक इस निमित्त इस प्रकार उपबंध नहीं किया जाता है तब तक ऐसी उपलब्धियों, भत्तों और विशेषाधिकारों का, जो दूसरी अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं, हकदार होगा।
व्याख्या
अनुच्छेद 65 के अनुसार, उप-राष्ट्रपति को राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में कार्यवाहक राष्ट्रपति (Acting President) के रूप में कार्य करने का अधिकार और दायित्व सौंपा गया है।
अनुच्छेद 65 का प्रमुख प्रावधान:
- राष्ट्रपति के पद की रिक्तता:
- यदि राष्ट्रपति का पद मृत्यु, त्यागपत्र, महाभियोग द्वारा हटाए जाने या अन्य किसी कारणवश रिक्त हो जाता है, तो उप-राष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है।
- अस्थायी रूप से कार्यभार संभालना:
- यदि राष्ट्रपति किसी कारणवश अस्थायी रूप से अपने दायित्वों का निर्वाह करने में असमर्थ हो (जैसे बीमारी या विदेश यात्रा के दौरान), तो उप-राष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में उनके दायित्वों का निर्वहन करता है।
- कार्यवाहक राष्ट्रपति के अधिकार:
- कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में, उप-राष्ट्रपति को राष्ट्रपति के सभी अधिकार और शक्तियां प्राप्त होती हैं।
- कार्यवाहक अवधि:
- कार्यवाहक राष्ट्रपति का कार्यकाल तब तक रहता है, जब तक कि नया राष्ट्रपति निर्वाचित न हो जाए या वर्तमान राष्ट्रपति अपनी जिम्मेदारियों को पुनः संभाल न ले।
अनुच्छेद 65 यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति का पद किसी भी स्थिति में रिक्त न रहे और राष्ट्र का संवैधानिक ढांचा सुचारू रूप से चलता रहे। इस अनुच्छेद द्वारा उप-राष्ट्रपति को कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने की जिम्मेदारी द्वारा संतुलित व्यवस्था बनाई है।
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Source : – भारत का संविधान