अनुच्छेद 52 (Article 52 in Hindi) – भारत का राष्ट्रपति
भारत का एक राष्ट्रपति होगा।
भारतीय राष्ट्रपति न केवल संविधान का संरक्षक है, अपितु संपूर्ण भारत का निर्वाचित प्रतिनिधि भी। ये भारत के प्रथम नागरिक तथा राष्ट्र की एकता, अखंडता एवं सुदृढ़ता के भी प्रतीक हैं।
व्याख्या
राष्ट्रपति, भारत का राज्य प्रमुख होता है। वह भारत का प्रथम नागरिक है और राष्ट्र की एकता, अखंडता एवं सुदृढ़ता का प्रतीक होता है।
भारत का राष्ट्रपति (अनुच्छेद 52 ) की संवैधानिक स्थिति
संविधान में सरकार का स्वरूप संसदीय है। फलस्वरूप राष्ट्रपति केवल कार्यकारी प्रधान होता है। मुख्य शक्तियां प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में निहित होती हैं। अन्य शब्दों में, राष्ट्रपति अपनी कार्यकारी शक्तियों का प्रयोग प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल की सहायता व सलाह से करता है।
डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने राष्ट्रपति की वास्तविक स्थिति को निम्न प्रकार से बताया है:-
भारतीय संविधान में, भारतीय संघ के कार्यकलापों का एक प्रमुख होगा, जिसे संघ का राष्ट्रपति कहा जाएगा।”
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Source : – भारत का संविधान