अनुच्छेद 47 (Article 47 in Hindi) – पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्नय का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य
राज्य, अपने लोगों के पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने और लोक स्वास्नय के सुधार को अपने प्राथमिक कर्तव्यों में मानेगा और राज्य, विशिष्टतया, मादक पेयों और स्वास्नय के लिए हानिकर ओषधियों के, औषधीय प्रयोजनों से भिन्न, उपभोग का प्रतिषेध करने का प्रयास करेगा।
व्याख्या
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 47 राज्य को यह निर्देश देता है कि वह अपने नागरिकों के पोषाहार और जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए आवश्यक कदम उठाए। इसके तहत राज्य को मादक पदार्थों, जैसे शराब, अफीम और अन्य नशीले पदार्थों के उपयोग पर नियंत्रण या प्रतिबंध लगाने का अधिकार है।
अनुच्छेद 47 का मुख्य बातें
- पोषाहार और स्वास्थ्य:
राज्य को यह सुनिश्चित करना है कि नागरिकों को पर्याप्त पोषक भोजन मिले, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो। - मादक पदार्थों पर प्रतिबंध:
राज्य मादक पदार्थों, जैसे शराब, ड्रग्स, अफीम आदि के सेवन को रोकने और इन पर नियंत्रण रखने के लिए कानून बना सकता है। इसका उद्देश्य जनता के स्वास्थ्य और समाज में नैतिक मूल्यों को बनाए रखना है। - स्वास्थ्य जागरूकता:
राज्य को ऐसे कार्यक्रम और नीतियां बनानी चाहिए, जो मादक पदार्थों के नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक करें और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करें। - जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के उपाय:
स्वास्थ्य सेवाओं, स्वच्छता, और पोषण से जुड़ी सुविधाओं को उपलब्ध कराकर राज्य लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में काम करेगा।
अनुच्छेद 47 का मुख्य उद्देश्य समाज में स्वास्थ्य और पोषण के स्तर को सुधारना है। यह न केवल जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा करता है, बल्कि मादक पदार्थों के दुष्प्रभाव से भी बचाने का प्रयास करता है। यह अनुच्छेद राज्य को इस दिशा में सक्रिय कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है।
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Source : – भारत का संविधान