अनुच्छेद 39 – समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित करना

अनुच्छेद 39 राज्य को ऐसी नीतियां अपनाने का निर्देश देता है जो विशेषकर आर्थिक और सामाजिक न्याय के संदर्भ में समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित करें।

TD Desk

अनुच्छेद 39 (Article 39 in Hindi) – राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्त्व

राज्य अपनी नीति का, विशिष्टतया, इस प्रकार संचालन करेगा कि सुनिश्चित रूंप से-

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  • (क) पुरुष और स्त्री सभी नागरिकों को समान रूप से जीविका के पर्याप्त साधन प्राप्त करने का अधिकार हो;
  • (ख) समुदाय के भौतिक संसाधनों का स्वामित्व और नियंत्रण इस प्रकार बंटा हो; जिससे सामूहिक हित का सर्वोत्तम रूप से साधन हो;
  • (ग) आर्थिक व्यवस्था इस प्रकार चले जिससे धन और उत्पादन-साधनों का सर्वसाधारण के लिए अहितकारी संक्रेंद्रण न हो;
  • (घ) पुरुषों और स्त्रियों दोनों का समान कार्य के लिए समान वेतन हो;
  • (ङ) पुरुष और स्त्री कर्मकारों के स्वास्नय और शक्ति का तथा बालकों की सुकुमार अवस्था का दुरुपयोग न हो और आर्थिक आवश्यकता से विवश होकर नागरिकों को ऐसे रोजगारों में न जाना पड़े जो उनकी आयु या शक्ति के अनुकूल न हों;
  • (च) बालकों को स्वतंत्र और गरिमामय वातावरण में स्वस्थ विकास के अवसर और सुविधाएँ दी जाएँ और बालकों और अल्पवय व्यक्तियों की शोषण से तथा नैतिक और आर्थिक परित्याग से रक्षा की जाए।

व्याख्या

अनुच्छेद 39 राज्य को ऐसी नीतियां अपनाने का निर्देश देता है जो विशेषकर आर्थिक और सामाजिक न्याय के संदर्भ में समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित करें।

अनुच्छेद 39 के मुख्य प्रावधान

राज्य की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने नीतियों में निम्नलिखित उद्देश्यों को शामिल करे:

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  1. पुरुष और स्त्रियों को समान अधिकार:
    • राज्य सुनिश्चित करेगा कि पुरुष और स्त्री दोनों को समान रूप से जीविका के पर्याप्त साधन उपलब्ध हों।
    • दोनों के बीच वेतन या अन्य अवसरों में कोई भेदभाव न हो।
  2. संपत्ति और संसाधनों का समान वितरण:
    • संपत्ति और उत्पादक संसाधनों का वितरण ऐसा हो कि वे समाज के सभी वर्गों के लिए लाभकारी हों, न कि केवल कुछ गिने-चुने लोगों के लिए।
  3. आर्थिक व्यवस्था का संचालन:
    • राज्य ऐसी आर्थिक व्यवस्था का संचालन करेगा जिसमें धन का संग्रहण कम-से-कम हो और संसाधनों का समान वितरण हो।
  4. श्रमिकों के स्वास्थ्य और मानवीय जीवन स्तर की सुरक्षा:
    • राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि श्रमिकों को पर्याप्त अवसर, स्वस्थ जीवन स्तर, और मानव गरिमा के अनुकूल कार्य स्थितियां प्राप्त हों।
  5. बच्चों के विकास और शोषण से सुरक्षा:
    • बच्चों को स्वस्थ विकास के लिए अवसर और सुविधाएं प्रदान की जाएं।
    • उन्हें किसी भी प्रकार के शोषण और आर्थिक अनाचार से बचाया जाए।

महत्व

  1. सामाजिक समानता: अनुच्छेद 39 समाज में पुरुषों और महिलाओं के बीच लैंगिक समानता सुनिश्चित करने का प्रयास करता है।
  2. श्रमिकों और बच्चों का संरक्षण: यह प्रावधान श्रमिक वर्ग और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा की बात करता है, जिससे उनके जीवन और कार्य स्तर में सुधार हो।
  3. आर्थिक न्याय का आधार: यह प्रावधान संपत्ति और संसाधनों के समान वितरण का मार्ग प्रशस्त करता है, जिससे समाज में आर्थिक असमानता को कम किया जा सके।
  4. कल्याणकारी राज्य की स्थापना: अनुच्छेद 39, संविधान के नीति-निर्देशक तत्वों के माध्यम से, भारत को लोक कल्याणकारी राज्य के रूप में विकसित करने में सहायता करता है।

अनुच्छेद 39 राज्य को ऐसे नीतिगत निर्णय लेने का निर्देश देता है जो समानता, आर्थिक न्याय, और सामाजिक कल्याण के सिद्धांतों पर आधारित हों। यह प्रावधान समाज में महिलाओं, बच्चों, और कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा करते हुए, संपत्ति और संसाधनों का समान वितरण सुनिश्चित करने पर जोर देता है।

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Source : – भारत का संविधान

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