अनुच्छेद 11 – संसद द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना

अनुच्छेद 11 के अनुसार नागरिकता संबंधी कानुन संसद बनाती है यह जिम्मेदारी गृहमंत्रालय को दी गई है।

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अनुच्छेद 11 (Article-11 in Hindi) – संसद द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना

इस भाग के पूर्वगामी उपबंधों की कोई बात नागरिकता के अर्जन और समाप्ति के तथा नागरिकता से संबंधित अन्य सभी विषयों के संबंध में उपबंध करने की संसद की शक्ति का अल्पीकरण नहीं करेगी।

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व्याख्या

अनुच्छेद 11 के अनुसार नागरिकता संबंधी कानुन संसद बनाती है यह जिम्मेदारी गृहमंत्रालय को दी गई है।

नागरिकता का अर्जन

भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 नागरिकता प्राप्त करने के लिए पांच प्रमुख आधार निर्धारित करता है:

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  1. जन्म से नागरिकता
    • यदि कोई व्यक्ति 26 जनवरी, 1950 से 1 जुलाई, 1987 के बीच भारत में जन्मा हो, तो वह भारतीय नागरिक होगा, चाहे उसके माता-पिता की नागरिकता कुछ भी हो।
    • 1 जुलाई, 1987 के बाद जन्मे व्यक्ति तभी भारतीय नागरिक माने जाएंगे, यदि उनके माता-पिता में से कम से कम एक भारतीय नागरिक हो।
    • 3 दिसंबर, 2004 के बाद जन्मे व्यक्ति भारतीय नागरिक होंगे, यदि उनके माता-पिता में से एक भारतीय नागरिक हो और दूसरा अवैध प्रवासी न हो।
    • विदेशी राजनयिकों और शत्रु देशों के बच्चों को इस आधार पर नागरिकता का अधिकार नहीं है।
  2. वंशानुगत नागरिकता
    • यदि कोई व्यक्ति भारत के बाहर 26 जनवरी, 1950 से 10 दिसंबर, 1992 के बीच पैदा हुआ है, तो वह तभी नागरिक होगा यदि उसके पिता भारतीय नागरिक थे।
    • 10 दिसंबर, 1992 के बाद जन्मे व्यक्ति भी भारतीय नागरिक माने जाएंगे, यदि उनके माता-पिता में से कोई एक भारतीय नागरिक हो।
    • 3 दिसंबर, 2004 के बाद भारत के बाहर जन्मे व्यक्ति भारतीय नागरिक तभी माने जाएंगे, यदि उनका पंजीकरण भारतीय दूतावास में उनके जन्म के एक वर्ष के भीतर किया गया हो।
  3. पंजीकरण द्वारा नागरिकता
    केंद्र सरकार निम्नलिखित श्रेणियों के लोगों को नागरिकता प्रदान कर सकती है:
    • भारतीय मूल के व्यक्ति, जो आवेदन के सात वर्ष पहले से भारत में रह रहे हों।
    • वह व्यक्ति, जिसने भारतीय नागरिक से विवाह किया हो और आवेदन से सात वर्ष पहले से भारत में निवास कर रहा हो।
    • भारत के नागरिक के नाबालिग बच्चे।
    • वह व्यक्ति, जिसका जन्म अविभाजित भारत में हुआ हो या जिसके माता-पिता वहां पैदा हुए हों।
    • पंजीकरण के बाद नागरिकता प्राप्त करने वाले व्यक्ति को भारत के प्रति निष्ठा की शपथ लेनी होगी।
  4. प्राकृतिक रूप से नागरिकता
    केंद्र सरकार एक व्यक्ति को निम्नलिखित शर्तों पर नागरिकता प्रदान कर सकती है:
    • यदि वह भारत में रह रहा हो या भारत सरकार की सेवा में हो या इनमें से थोड़ा कोई एक और थोड़ा कोई अन्य हो तो उसे नागरिकता संबंधी आवेदन देने के कम से कम 12 माह पूर्व से भारत में रह रहा होना चाहिए।
    • यदि 12 माह की इस अवधि से 14 वर्ष पूर्व से वह भारत में रह रहा हो या भारत सरकार की सेवा में हो या इनमें से थोड़ा एक में और थोड़ा अन्य में हो, इनकी कुल अवधि ग्यारह वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
    • उसका चरित्र अच्छा होना चाहिए।
    • वह संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित भाषाओं का अच्छा ज्ञाता हो।
    • उसे प्राकृतिक रूप से नागरिकता का प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाने की स्थिति में, वह भारत में रहने का इच्छुक हो या भारत सरकार सेवा या किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन में जिसका भारत सदस्य हो या भारत में स्थापित किसी सोसायटी, कंपनी या व्यक्तियों का निकाय हो में प्रवेश या उसे जारी रखे।
    • भारत सरकार विशेष योग्यता वाले व्यक्तियों (जैसे, विज्ञान, कला, विश्व शांति) के लिए इन शर्तों में छूट दे सकती है।
  5. क्षेत्र समाविष्टि द्वारा नागरिकता
    यदि कोई विदेशी क्षेत्र भारत का हिस्सा बनता है, तो उस क्षेत्र के निवासी भारतीय नागरिक बन सकते हैं।
    • जैसे, पांडिचेरी के भारत में विलय के बाद, नागरिकता (पांडिचेरी) आदेश, 1962 के तहत वहां के निवासियों को नागरिकता दी गई।

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Source : – भारत का संविधान

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