अनुच्छेद 10 (Article-10 in Hindi) – नागरिकता के अधिकारों का बना रहना
प्रत्येक व्यक्ति, जो इस भाग के पूर्वगामी उपबंधों में से किसी के अधीन भारत का नागरिक है या समझा जाता है, ऐसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए, जो संसद द्वारा बनाई जाए, भारत का नागरिक बना रहेगा।
व्याख्या
अनुच्छेद 10 भारतीय नागरिकों की नागरिकता को तब तक सुरक्षित रखता है, जब तक कि इसे कानूनी प्रक्रिया के तहत समाप्त नहीं किया जाता। यह प्रावधान नागरिकों को उनकी नागरिकता को लेकर संवैधानिक सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन साथ ही यह स्पष्ट करता है कि देश विरोधी कार्यों या अन्य नागरिकता से संबंधित उल्लंघनों के मामले में नागरिकता को समाप्त किया जा सकता है।
अनुच्छेद 10 की मुख्य बातें:
- नागरिकता की स्थायित्व:
- एक व्यक्ति, जो संविधान के तहत भारत का नागरिक है, उसकी नागरिकता बनी रहेगी।
- यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी भारतीय नागरिक को केवल इस आधार पर नागरिकता से वंचित नहीं किया जाएगा कि वह संविधान के लागू होने के बाद नागरिक बना है।
- नागरिकता समाप्त होने के आधार:
- किसी व्यक्ति की नागरिकता केवल कानूनी प्रक्रिया के तहत ही समाप्त की जा सकती है।
- नागरिकता समाप्त होने के कारणों में शामिल हो सकते हैं:
- किसी विदेशी राज्य की नागरिकता लेना (अनुच्छेद 9 के तहत)।
- किसी देश विरोधी गतिविधि में संलिप्त होना, जैसा कि भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 में निर्दिष्ट है।
- नागरिकता से जुड़े अन्य प्रावधानों का उल्लंघन।
- यदि नागरिकता फर्जी तरीके से प्राप्त की गयी हो।
- यदि नागरिक ने संविधान के प्रति अनादर जताया हो।
- यदि नागरिक ने युद्ध के दौरान शत्रु के साथ गैर-कानूनी रूप से संबंध स्थापित किया हो या उसे कोई राष्ट्रविरोधी सूचना दी हो।
- पंजीकरण या प्राकृतिक नागरिकता के पांच वर्ष के दौरान नागरिक को किसी देश में दो वर्ष की कैद हुई हो।
- नागरिक सामान्य रूप से भारत के बाहर सात वर्षों से रह रहा हो।
- कानून का पालन आवश्यक:
- भारत में नागरिकता के मामले में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार संसद और उसके द्वारा बनाए गए कानूनों का है।
- नागरिकता को समाप्त करने या बनाए रखने के लिए कानून का सहारा लेना अनिवार्य है।
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Source : – भारत का संविधान