अनुच्छेद 74 – राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि-परिषद
अनुच्छेद 74 के अनुसार, राष्ट्रपति को कार्यपालक कार्यों के निष्पादन में सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद की आवश्यकता होती है।
अनुच्छेद 73 – संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
अनुच्छेद 73 में यह निर्धारित किया गया है कि संघ की कार्यपालिका शक्ति मुख्य रूप से संघ सूची के विषयों और संसद द्वारा बनाए गए कानूनों तक सीमित है।
अनुच्छेद 72 – राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति
अनुच्छेद 72 के तहत, राष्ट्रपति को क्षमादान और दंडादेश में छूट, निलंबन, परिहार या लघुकरण की शक्ति प्रदान की गई है। यह शक्ति विशेष मामलों में प्रयोग की जाती है…
अनुच्छेद 71 – राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित विवाद
अनुच्छेद 71 राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति के चुनाव के विवाद से संबंधित है जो किसी तरह कि विवाद होने पर उच्चतम न्यायालय मे अपील करने का शक्ति देता है ।
अनुच्छेद 70 – अन्य आकस्मिकताओं में राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन
अनुच्छेद 70 के अनुसार, संसद को यह अधिकार है कि:किसी आकस्मिक स्थिति में, जो इस अध्याय (राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति से संबंधित प्रावधान) में वर्णित नहीं है, वह राष्ट्रपति के कृत्यों…
अनुच्छेद 69 – उपराष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
अनुच्छेद 69 के तहत उप-राष्ट्रपति अपना पद ग्रहण करने से पहले शपथ या प्रतिज्ञान करेगा और उस पर अपने हस्ताक्षर करेगा। अपनी शपथ में उप-राष्ट्रपति शपथ लेगा
अनुच्छेद 68 – उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचन करने का समय
अनुच्छेद 68 के तहत उपराष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि।
अनुच्छेद 67 – उपराष्ट्रपति की पदावधि
अनुच्छेद 67 के तहत उप-राष्ट्रपति की पदावधि उसके पद ग्रहण करने से लेकर 5 वर्ष तक होता है। हालाकि वह अपनी पदावधि में किसी भी समय अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को…
अनुच्छेद 66 – उपराष्ट्रपति का निर्वाचन
अनुच्छेद 66 के अनुसार भारत के उप-राष्ट्रपति का चुनाव परोक्ष विधि से होता है, यानी इसे जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से नहीं चुना जाता। इसकी प्रक्रिया और विशेषताएं इस प्रकार…
अनुच्छेद 65 – उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना
अनुच्छेद 65 के अनुसार, उप-राष्ट्रपति को राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में कार्यवाहक राष्ट्रपति (Acting President) के रूप में कार्य करने का अधिकार और दायित्व सौंपा गया है।