अनुच्छेद 11 – संसद द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना
अनुच्छेद 11 के अनुसार नागरिकता संबंधी कानुन संसद बनाती है यह जिम्मेदारी गृहमंत्रालय को दी गई है।
अनुच्छेद 10 – नागरिकता के अधिकारों का बना रहना
अनुच्छेद 10 भारतीय नागरिकों की नागरिकता को तब तक सुरक्षित रखता है, जब तक कि इसे कानूनी प्रक्रिया के तहत समाप्त नहीं किया जाता।
अनुच्छेद 9 – विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित करने वाले व्यक्तियों का नागरिक न होना
अनुच्छेद 9 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति विदेशी नागरिकता लेता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता समाप्त हो जाएगी। यह प्रावधान भारतीय नागरिकता को एकल नागरिकता की नीति के तहत संरक्षित…
अनुच्छेद 8 – भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
अनुच्छेद 8 यह सुनिश्चित करता है कि विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिक, चाहे वे वहां भ्रमण के उद्देश्य से गए हों या नौकरी करने के लिए, उनकी भारतीय नागरिकता…
अनुच्छेद 7 – पाकिस्तान को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
अनुच्छेद 7 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति 1 मार्च, 1947 के बाद पाकिस्तान में रहने/बसने लगा हो तो उसकी नागरिकता छीन ली जाएगी।
अनुच्छेद 6 – पाकिस्तान से भारत को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
अनुच्छेद 6 के अनुसार, एक व्यक्ति, जो पाकिस्तान से भारत आया हो और यदि उसके माता-पिता या दादा-दादी अविभाजित भारत में पैदा हुए हों और निम्न दो में से कोई…
अनुच्छेद 5 – संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता
अनुच्छेद 5 (Article 5 in Hindi) के अनुससर एक व्यक्ति, जो भारत का मूल निवासी है और तीन में से कोई एक शर्त पूरी करता है वह भारत का नागरिक…
अनुच्छेद 4 – नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के के लिए बनाई गई विधियाँ
अनुच्छेद 4 भारतीय संविधान में एक विशिष्ट प्रावधान है, जो नए राज्यों के प्रवेश, गठन, या वर्तमान राज्यों की सीमाओं, क्षेत्रों और नामों में परिवर्तन को नियंत्रित करता है।
अनुच्छेद 3 – नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन
अनुच्छेद 3 संसद को राज्यों के पुनर्गठन, नाम परिवर्तन, क्षेत्रीय सीमा संशोधन, और नए राज्यों के निर्माण की शक्ति प्रदान करता है। इसके तहत, संसद को यह अधिकार है कि…
अनुच्छेद 2 – नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना
संविधान के अनुच्छेद-2 में संसद को यह अधिकार प्रदान किया गया है कि वह नये राज्यों के भारत संघ में प्रवेश या उनके गठन को विधि द्वारा स्वीकार कर सकती…