अनुच्छेद 46 (Article 46 in Hindi) – अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य दुर्बल वर्गों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवृद्धि
राज्य, जनता के दुर्बल वर्गों के, विशिष्टतया, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की विशेष सावधानी से अभिवृद्धि करेगा और सामाजिक अन्याय और सभी प्रकार के शोषण से उसकी संरक्षा करेगा।
व्याख्या
अनुच्छेद 46 भारतीय संविधान के तहत राज्य समाज के वंचित और कमजोर वर्गों, विशेषकर अनुसूचित जातियों (SC), अनुसूचित जनजातियों (ST), और अन्य पिछड़े वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों की सुरक्षा करे। यह अनुच्छेद इन वर्गों के उत्थान और समृद्धि के लिए विशेष कदम उठाने की बात करता है।
अनुच्छेद 46 के अंतर्गत मुख्य प्रावधान
- शिक्षा में सहयोग: राज्य इन वर्गों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए नीतियां और कार्यक्रम लागू करेगा, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।
- आर्थिक सहायता: अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य कमजोर वर्गों को आर्थिक अवसरों और संसाधनों तक पहुंच देने का प्रयास किया जाएगा। इसके तहत छात्रवृत्तियां, आर्थिक सहायता, और रोजगार के विशेष अवसर प्रदान किए जाते हैं।
- सामाजिक न्याय: यह अनुच्छेद सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने का आधार बनाता है। इसका उद्देश्य इन वर्गों को समाज में समानता और सम्मान दिलाना है।
- विशेष योजनाएं: अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए विशेष योजनाओं और कार्यक्रमों के तहत आवास, स्वास्थ्य सेवाएं, और रोजगार के अवसरों का विस्तार किया जाता है।
अनुच्छेद 46 कमजोर वर्गों के लिए सामाजिक न्याय और समरसता की नींव है। यह राज्य को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करता है कि अनुसूचित जाति, जनजाति, और दुर्बल वर्गों को समान अवसर, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा प्राप्त हो। यह उनके अधिकारों की रक्षा और उनके जीवन स्तर को सुधारने के प्रयासों को मजबूती प्रदान करता है।
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Source : – भारत का संविधान